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Vodafone Idea Share Price अचानक हुआ धड़ाम इस खबर का हुआ असर

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Vodafone Idea Share Price Today : आज शेयर बाजार में वोडाफोन आइडिया पर सबकी नजर रही। कंपनी का शेयर लगभग 9% गिर गया। वजह थी कि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के AGR केस की सुनवाई को आगे बढ़ाकर अब 6 अक्टूबर कर दी। सरकार ने कोर्ट से थोड़ा और समय मांगा था और कंपनी ने इसका विरोध नहीं किया।

शुक्रवार को कारोबारी दिन के दौरान वोडाफोन आइडिया का शेयर 8.98% तक गिरकर ₹7.90 पर पहुँच गया। यह गिरावट बड़ी थी क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों से शेयर में हल्की बढ़त देखी जा रही थी। लेकिन इस सुनवाई के आगे बढ़ने की खबर ने निवेशकों का भरोसा थोड़ा कम कर दिया।

क्या है AGR मामला?

AGR का मतलब है “एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू”। यह एक तरह का कैलकुलेशन है जिसके आधार पर टेलीकॉम कंपनियों को लाइसेंस फीस और अन्य रकम सरकार को देना होता है। इसी को लेकर वोडाफोन आइडिया और सरकार में विवाद चल रहा है।

इस समय सरकार वोडाफोन आइडिया से ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त AGR राशि मांग रही है। कंपनी का कहना है कि यह रकम कोर्ट के पहले के फैसले से बाहर जाती है और उसे इतनी बड़ी रकम नहीं देनी चाहिए। इसी कारण कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि यह नई माँग रद्द की जाए।

कंपनी में सरकार का रोल

यहाँ पर एक दिलचस्प बात है। सरकार खुद वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी शेयरधारक है। ब्याज की देनदारी को शेयर में बदला गया और उसकी वजह से सरकार के पास अब कंपनी का लगभग 49% हिस्सा है। हालाँकि सरकार को प्रमोटर की तरह नहीं माना जाता, लेकिन इतनी बड़ी हिस्सेदारी होने की वजह से उसका सीधा हित जुड़ा हुआ है।

सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि वह कंपनी की दलील का विरोध नहीं कर रही है। उसका मकसद सिर्फ इतना है कि इस मामले का जल्द से जल्द हल निकल जाए ताकि कंपनी और बाकी टेलीकॉम सेक्टर दोनों में स्थिरता बनी रहे।

क्यों टली सुनवाई?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार ही साफ कहा था कि इस मामले को जल्दी सुलझाना जरूरी है। उस समय सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर रखी गई थी। लेकिन इस बार सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से थोड़ा और समय माँगा। कोर्ट ने यह मान लिया और अब अगली तारीख 6 अक्टूबर की दी गई है।

Vodafone Share Price का हाल

अगर शेयर की चाल को देखें तो पिछले एक महीने में वोडाफोन आइडिया का शेयर लगभग 21% ऊपर गया था। तीन महीने में यह 12% बढ़ा। छह महीने में भी करीब 15% की वृद्धि हुई। लेकिन जब हम लंबी अवधि देखें तो तस्वीर उतनी अच्छी नहीं है।

साल 2025 की शुरुआत से अब तक शेयर लगभग स्थिर ही रहा है। एक साल में यह 22% गिरा है। दो साल में इसमें 33% की गिरावट आई है। और अगर दस साल की बात करें तो शेयर अपनी कीमत का 90% खो चुका है। यानी लंबे समय से इसमें निवेशकों को नुकसान ही हुआ है।

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निवेशकों के लिए क्या मायने

इस तरह की कानूनी सुनवाई और सरकारी माँगें शेयर प्राइस पर बड़ा असर डालती हैं। नए निवेशकों को यह समझना होगा कि वोडाफोन आइडिया अभी कर्ज और पुराने मामलों में उलझी हुई है। अगर कोर्ट से कंपनी को राहत मिलती है तो शेयर में तेजी आ सकती है। लेकिन अगर फैसला कंपनी के खिलाफ जाता है, तो इसकी हालत और मुश्किल हो सकती है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के लिए है। यहाँ लिखा गया कोई भी हिस्सा निवेश की सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें।

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