आज के समय में जब दुनिया स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण बचाने की बात कर रही है, तब भारत की कई कंपनियां इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक नाम है KPI Green Energy, जिसने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 3200 करोड़ रुपये की फाइनेंशियल मदद मिली है, जिससे इसके आने वाले प्रोजेक्ट्स को नई ऊंचाई मिलेगी।
बड़े सोलर और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स
KPI Green Energy गुजरात में दो बड़े प्रोजेक्ट्स बना रही है। पहला प्रोजेक्ट 250 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट है और दूसरा 370 मेगावाट का हाइब्रिड प्रोजेक्ट है, जिसमें सोलर और पवन ऊर्जा दोनों शामिल होंगे। ये प्रोजेक्ट भरूच और सुरेंद्रनगर ज़िले में बनाए जा रहे हैं। बैंक से मिली धनराशि इन योजनाओं को पूरा करने में इस्तेमाल की जाएगी।
इन प्रोजेक्ट्स के शुरू होने से कंपनी के इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (IPP) पोर्टफोलियो की क्षमता 1 गीगावॉट (GWp) से भी ज्यादा हो जाएगी। यह KPI Green Energy के लिए बहुत बड़ी छलांग होगी और कंपनी को पूरे देश के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में और मजबूत बनाएगी।
पावर परचेज एग्रीमेंट से स्थिर आमदनी
इन प्रोजेक्ट्स को गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) का सपोर्ट भी मिला है। कंपनी ने GUVNL के साथ 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) किया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि KPI Green Energy को लंबे समय तक स्थिर और निश्चित आमदनी होती रहेगी। इस एग्रीमेंट के कारण निवेशकों का भरोसा भी कंपनी पर और मजबूत होगा।
फाइनेंसिंग स्ट्रक्चर के मुताबिक, इन प्रोजेक्ट्स के लिए 75 प्रतिशत पैसा डेट यानी ऋण के रूप में होगा और बाकी 25 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी से कवर किया जाएगा। इस तरह कंपनी बाकी विकास गतिविधियों में भी नई योजनाओं पर काम कर पाएगी।
पर्यावरण को बड़ा फायदा
इन प्रोजेक्ट्स से सिर्फ बिजनेस ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा लाभ होगा। कंपनी के अनुमान के अनुसार, जब ये दोनों प्रोजेक्ट पूरी तरह शुरू हो जाएंगे तो हर साल 15 लाख टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती होगी। अगर इसे आसान भाषा में समझें तो यह लगभग 6.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा। यानी KPI Green Energy आने वाले वर्षों में जलवायु सुधार और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगी।
कंपनी का सफर और कामकाज
KPI Green Energy की शुरुआत 2008 में KP Group के तहत हुई थी। यह कंपनी “Solarism” नाम से सोलर ऊर्जा के समाधान देती है। कंपनी IPP और Captive Power मॉडल दोनों पर काम करती है। आज गुजरात में इसकी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 445 मेगावाट से भी ज्यादा है। कंपनी सिर्फ अपने प्रोजेक्ट्स ही नहीं बनाती बल्कि EPC सेवाएं भी देती है, यानी दूसरे लोगों के लिए भी सोलर प्रोजेक्ट बनाती और चलाती है।
वित्तीय प्रदर्शन
पिछले कुछ सालों में KPI Green Energy ने शानदार वित्तीय नतीजे दिए हैं। साल 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय ₹614.12 करोड़ रही, जो पिछले साल की तुलना में 75.5% ज्यादा है। इसी दौरान कंपनी का शुद्ध मुनाफा ₹111.32 करोड़ पहुंच गया, जो साल-दर-साल 68% की बढ़ोतरी दिखाता है।
अगर बाजार की बात करें तो कंपनी का मार्केट कैप लगभग ₹9,000 करोड़ के आसपास है और इसका ऑर्डर बुक फिलहाल 2.95 GW से ज्यादा का है। यह दिखाता है कि आने वाले समय में कंपनी के पास लगातार काम रहेगा।
निवेशकों के लिए आकर्षण
शेयर बाजार में KPI Green Energy ने निवेशकों को पिछले पांच सालों में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। कंपनी का शेयर 3242% चढ़ चुका है। 25 सितंबर 2025 को इसका शेयर प्राइस लगभग ₹470.60 था। भले ही 2025 में शेयर ने कुछ गिरावट दिखाई हो (Year-to-date -12.59%), लेकिन लंबी अवधि में कंपनी की वृद्धि शानदार रही है। कंपनी का ROE 20% और ROCE 18% है, जो इसकी मज़बूत बैलेंस शीट को दर्शाता है।
भविष्य की योजनाएं और साझेदारियां
कंपनी यहीं नहीं रुक रही। हाल ही में KPI Green Energy ने Delta Electronics के साथ तीन बड़े समझौते किए हैं। ये समझौते बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने को लेकर हैं। इन नई साझेदारियों से कंपनी की तकनीकी क्षमता और बढ़ेगी और यह न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों तक अपने इनोवेटिव समाधान पहुंचा सकेगी।
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कुल मिलाकर, KPI Green Energy ने दिखा दिया है कि भारत में स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य कितना उज्ज्वल है। बड़े प्रोजेक्ट्स, मजबूत वित्तीय स्थिति और नई तकनीक अपनाने की क्षमता इसे आने वाले सालों में और आगे ले जाएगी।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई सामग्री निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है। निवेश करने से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से राय लें।