70₹ से कम कीमत वाले इस बैंकिंग शेयर पर Motilal Oswal ने दी राय

Motilal Oswal on Banking Stock : IDFC First Bank का नाम आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या ये बैंक वाकई अच्छा कर रहा है? हाल ही में Motilal Oswal की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बैंक की हालत पर काफी दिलचस्प बातें बताई गई हैं। कुछ चीज़ें काफी पॉजिटिव हैं, तो कुछ पर अभी और काम बाकी है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं बैंक की पूरी कहानी।

बैंक ने इस साल की पहली तिमाही में लोन देने की रफ्तार तेज़ कर दी है। पिछली बार की तुलना में इस बार 21% ज़्यादा लोन दिए गए। इनमें ज़्यादातर लोन आम लोगों, छोटे व्यापारियों और सुरक्षित कैटेगरी में दिए गए हैं। माइक्रोफाइनेंस लोन, जो ज़्यादा रिस्की होते हैं, बैंक अब धीरे-धीरे कम कर रहा है। बड़े कॉर्पोरेट्स को लोन देने में भी सुधार आया है, जिससे बैलेंस बना हुआ है। बैंक का इरादा है कि हर साल करीब 20% की ग्रोथ बनाए रखी जाए।

लोन देना तभी मुमकिन होता है जब बैंक के पास पैसा हो। अच्छी बात ये है कि अब बैंक की ज्यादातर जमा (करीब 80%) रिटेल कस्टमर्स से आ रही है, जो पहले सिर्फ 27% थी। ये भरोसे की बात है क्योंकि छोटे कस्टमर्स लंबे समय तक जुड़े रहते हैं। इस बार बैंक की कुल जमा राशि में 26% का इजाफा हुआ है। डिजिटल बैंकिंग और ज़्यादा ब्रांच खोलने से यह मुमकिन हो पाया है।

नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM), जो बैंक की कमाई का सबसे अहम हिस्सा होता है, थोड़ा घटकर 5.71% रह गया है। इसकी वजह कुछ अस्थायी बातें हैं – जैसे माइक्रोफाइनेंस में कटौती और रेपो रेट का असर। बैंक को उम्मीद है कि यह तीसरी तिमाही से फिर बढ़ेगा और साल के अंत तक 5.8% तक पहुंच जाएगा।

अभी बैंक का खर्च थोड़ा ज्यादा है, लेकिन इसमें सुधार हो रहा है। इस तिमाही में खर्च सिर्फ 11% बढ़ा, जबकि बिजनेस में 23% की ग्रोथ हुई। यानी कम खर्च में ज़्यादा कमाई की दिशा में बैंक बढ़ रहा है। क्रेडिट कार्ड और कैश मैनेजमेंट जैसे नए सोर्स से भी अच्छी कमाई हो रही है। बैंक के पास अब 38 लाख से ज्यादा एक्टिव कार्ड यूज़र्स हैं।

बैंक की लोन बुक 2027 तक तीन लाख करोड़ से ऊपर जा सकती है। ग्रोथ 20-22% सालाना रह सकती है और मुनाफा भी बढ़ने की पूरी उम्मीद है। हालांकि माइक्रोफाइनेंस से जुड़ी कुछ परेशानियां अभी थोड़ी देर और बनी रह सकती हैं।

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